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Shaam Dhale Khidki Tale

शाम ढले खिड़की  तले 
तुम  सीटी  बजाना छोड़ दो
तुम  सीटी  बजाना छोड़ दो

घड़ी  घडी   खिड़की में खडी
तुम  तीर चलाना  छोड़  दो 
तुम  तीर चलाना  छोड़  दो 

शाम ढले खिड़की  तले 
तुम  सीटी  बजाना छोड़ दो
तुम  तीर चलाना  छोड़  दो 

रोज़ रोज़ तुम मेरी  गली  में 
चक्कर  क्यों हो  काटते
ाजी , चक्कर क्यों हो  काटते 

सच्ची सच्ची बात  कहूँ  मैं -2
ाजी  तुम्हारे  वास्ते , तुम्हारे  वास्ते 

जाओ  जाओ , होश  में  आओ
यूं  आना जाना छोड़ दो 
यूं  आना जाना  छोड़  दो 

शाम ढले खिड़की  तले 
तुम  सीटी  बजाना छोड़ दो
तुम  तीर चलाना  छोड़  दो 

मुझसे  तुम्हें  क्या मतलब  है
ये  बात ज़रा बतलाओ
मुझसे  तुम्हें  क्या मतलब  है
ये  बात ज़रा बतलाओ

बात  फकत  इतनी  सी है 
की  तुम मेरी  हो  जाओ 
आओ  आओ तुम  मेरी  हो  जाओ 

ऐसी बातें , अपने दिल  में 
साहिब  तुम  लाना  छोड़ दो 
साहिब  तुम  लाना  छोड़  दो 

शाम ढले खिड़की  तले 
तुम  सीटी  बजाना छोड़ दो
तुम  तीर चलाना  छोड़  दो

चार  महीने  मेहनत  की  है 
ाजी  रंग  कभी  तो  लाएगी

जाओ जाओ जी  यहां  तुम्हारी
दाल  कभी  गलने  न  पाएगी
ाजी  दाल  कभी  गलने  न  पाएगी 

दिलवालों , मतवालों  पर  तुम 
रौब  ज़माना  छोड़  दो 
रौब   ज़माना  छोड़  दो 

शाम  ढले  ………..

C. Ramchandra brief intro

C. Ramchandra
Born: Jan 12, 1918
Death: Jan 05, 1982
Ramchandra Chitalkar was born in Chitli, Ahmednagar district of Maharashtra.
His original ambition was to be a Hindi film hero.
He worked as an assistant to music directors, Bindu Khan and Habib Khan.
he has played the harmonium in many of their films.

Movie :Albela (1951)
Music Director : C Ramchandra
Singer : C Ramchandra & Lata Mangeshkar
Lyricist: Rajendra Krishna

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