ओ साथी रे , तेरे बिना भी क्या जीना , तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे , तेरे बिना भी क्या जीना , तेरे बिना भी क्या जीना
फूलों में खलियों में सपनों की गलियों में
फूलों में खलियों में सपनों की गलियों में
तेरे बिना कुछ कहीं ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
हर धड़कन में , प्यास है तेरी
साँसों में तेरी खुशबू है
इस धरती से उस अम्बर तक
मेरी नज़र में तू ही तू है
प्यार यह टूटे न
प्यार यह टूटे न
तू मुझसे रूठे न
साथ यह छूटे कभी न
तेरे भीना भी क्या जीना
ओ साथी रे ..
तेरे भीना भी क्या जीना
तेरे भीना भी क्या जीना
तुझ बिन जोगन , मेरी रातें
तुझ बिन मेरे दिन बंजारे
मेरा जीवन जलती भूमि
बुझे बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी
तेरे बिना मेरी , मेरे बिना तेरी
यह ज़िन्दगी ज़िन्दगी न
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे